नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस की धमाकेदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन जारी है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं। जिसमें डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया शामिल हैं। इस दौरान जनता में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस और बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को कई बैठकों के बाद भी इस पर से पर्दा नहीं उठ पाया। इसके बाद दिल्ली में मौजूद दोनों नेताओं को आलाकमान ने वहीं रुकने को कहा। इन दोनों चर्चित विकल्पों के बीच सीएम पद की रेस में अब तीसरा नाम भी सामने आ रहा है। कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने भी मुख्यमंत्री को लेकर अपनी दावेदारी पेश की है। वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं।
परमेश्वर ने कहा, “अगर मौका मिले तो मैं शीर्ष पद संभालने के लिए तैयार हूं। यह अलग बात है कि मैं 2013 में हार गया। मैं पार्टी को चलाने के लिए आलाकमान पर विश्वास करता हूं। मैं 50 विधायक और इससे ज्यादा के साथ भी अपनी ताकत दिखा सकता हूं। मैं ऐसा नहीं करना चाहता। नेता मेरे योगदान को जानते हैं। मैं डिप्टी सीएम, पार्टी अध्यक्ष और बहुत कुछ रहा हूं। कहा जाए तो मैं मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं।”
इधर सिद्धारमैया से मिलने और समर्थन देने के लिए लगातार विधायक ITC मौर्या पहुंच रहे हैं। अब तक 20 से ज़्यादा विधायक वहां पहुंच चुके हैं। इस दैरान सिद्धारमैया ने बयान देने से मना किया है। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार आज पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे फिर से सिद्धारमैया को मिलने के लिए बुला सकते हैं।
बैठक बेनतीजा रही
13 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद से अब तक कांग्रेस कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला नहीं कर पाई है। कांग्रेस आलाकमान की मंगलवार को बैठक बेनतीजा रही। आज फिर से बेंगलुरु और फिर दिल्ली में मीटिंग होगी। पार्टी अध्यक्ष ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को फिलहाल दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए हैं।
डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया दिल्ली में रूके
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया दोनों से ही मुलाक़ात की, इससे पहले खरगे की राहुल गांधी के साथ भी बैठक हुई। साथ ही केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और तीनों पर्यवेक्षकों के साथ भी चर्चा की थी। कहा जा रहा है कि अभी और बात होगी और दोनों को कहा गया है कि वे दिल्ली में ही रुकें। आज भी इस मुद्दे को लेकर बैठकों का दौर जारी रह सकता है।
कांग्रेस मेरे लिए परिवार की तरह- डीके शिवकुमार
इस बीच डीके शिवकुमार ने कहा, “अगर मुझे मुख्यमंत्री पद नहीं मिलता, तो मैं साधारण विधायक के तौर पर काम करने को तैयार हूं। जब से सिद्धारमैया पार्टी में आए हैं वह हमेशा पावर में रहे हैं। या तो एलओपी (लीडर ऑफ अपोजिशन) के तौर पर या फिर मुख्यमंत्री के तौर पर। मैं पार्टी के फैसले का इंतजार करूंगा।” उन्होंने कहा, “एक मां अपने बच्चे को सब कुछ देती है। सोनिया गांधी हमारी आदर्श हैं। कांग्रेस हर किसी के लिए परिवार की तरह है। हमारा संविधान बेहद महत्वपूर्ण है। हमें सभी के हितों की रक्षा करनी है। लोकसभा में 20 सीट जीतना हमारा अगला लक्ष्य है।”
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों के साथ जोरदार जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी को 66 और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) को 19 सीटें मिली हैं।
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