स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान का असर अब दिखने लगा हैं। अब तक सिर्फ मौर्य के खिलाफ हमलावर रहने वाली BJP ने पिता का बचाव करने के कारण बदायूं से सांसद व स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा को अल्टीमेटम दे दिया हैं। रविवार को पार्टी के समीक्षा बैठक में शामिल होने के लिए हरदोई पहुंचे BJP प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब संघमित्रा मौर्य को तय करना है कि उन्हें पार्टी या पिता किसके साथ रहना है। अगर वह जल्द ही कोई निर्णय नहीं लेती हैं तो फिर पार्टी निर्णय लेगी।
श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर पाबंदी लगाने की मांग करके विवादों में घिरे समाजवादी पार्टी विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य का उनकी बेटी और भारतीय जनता पार्टी सांसद संघमित्रा मौर्य ने पिछले दिनों बचाव किया था।
जिसके बाद बीजेपी अध्यक्ष ने चेतवानी भरे अंदाज में कहा कि संघमित्रा मौर्य को तय करना है कि वह अपने पिता स्वामी मौर्य के साथ रहेंगी या बीजेपी की विचारधारा के साथ जुड़ी रहेंगी।
बदायूं से भाजपा की सांसद संघमित्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनके पिता ने श्रीरामचरितमानस की जिस चौपाई का जिक्र करते हुए उसे आपत्तिजनक बताया है, उस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा था कि पिता जी ने रामचरितमानस को पढ़ा है. हालांकि मेरी इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है. जहां भगवान राम ने जाति को महत्व दिए बगैर शबरी के जूठे बेर खाए, वहीं उस चौपाई में जाति का वर्णन किया गया है।
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