गाम्बिया में कथित तौर पर भारतीय कफ सिरप से 66 बच्चों की कथित मौत के मामले में बड़ा यू-टर्न आया है। गाम्बिया ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि भारत में बनी खांसी की दवा ही बच्चों की मौत की वजह है। गाम्बिया की मेडिसिन कंट्रोल एजेंसी के हवाले से रायटर ने यह जानकारी दी है। गाम्बिया मेडिसिन कंट्रोल एजेंसी के प्रतिनिधि टीजन जैलो ने 31 अक्टूबर को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, अभी पुष्टि नहीं हुई है कि भारतीय खांसी की दवाई से बच्चों की किडनी खराब हुई थी। हम बच्चों की मौत की सही वजह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक यही पता है कि खांसी की दवा से 66 बच्चों की मौत हुई थी।
इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि मरने वाले बच्चों की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि उन्हें एस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई) था और वे दस्त से पीड़ित थे। वहीं एक अधिकारी ने पूछा, फिर उन्हें खांसी की दवाई क्यों दी जा रही थी।
WHO ने अक्टूबर में गाम्बिया में पहचानी गई चार दूषित दवाओं के लिए एक मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी किया था जो किडनी में चोट के कारण 66 बच्चों की मौत से जुड़ा था। पांच साल तक के बच्चों में किडनी में चोट होने के मामलों में जुलाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। मामले बढ़े तो डॉक्टरों को शक होने लगा कि दवाओं की वजह से ऐसा हो सकता है। WHO के मुताबिक, ये चार दवाएं भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की बनाई हुईं कफ और कोल़्ड सीरप हैं। अलर्ट के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने जांच शुरू की। हरियाणा राज्य के ड्रग अधिकारियों ने बाद में मेडेन फार्मा की निर्माण सुविधा के निरीक्षण के दौरान स्पष्ट खामियां पाईं।
‘अभी तक कुछ कन्फर्म नहीं’
एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को, गाम्बिया के औषधि नियामक, मेडिसिन्स कंट्रोल एजेंसी के एक अधिकारी, तिजान जालो ने कहा कि मौतों का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। जालो ने कहा, “हमने अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला है कि दवाओं की वजह से ही बच्चों की मौत हुई। काफी सारे बच्चे बिना किसी दवा के बड़ी संख्या में मर गए।”
इससे पहले अक्टूबर में इस मामले में जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति ने पाया था कि WHO की तरफ से शेयर की गई क्लीनिकल जानकारी रोग विज्ञान संबंधी निर्धारण के लिए अपर्याप्त है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) वी जी सोमानी ने डब्ल्यूएचओ को इस बात की जानकारी दी थी। डब्ल्यूएचओ के रुतेंडो कुवाना ने 13 अक्टूबर को डीसीजीआई को पत्र लिखकर चार कफ सीरप की निर्माता कंपनी सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स की जांच मामले में प्रगति से अवगत कराने को कहा था।
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