नई दिल्ली: देश को विनायक दामोदर सावरकर की जयंती के मौके पर नया संसद भवन मिलने जा रहा है। संसद भवन का निर्माण पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पीएम मोदी से मिलकर उनसे उद्घाटन का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का 28 मई को उद्घाटन करने वाले हैं। लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष Rahul Gandhi ने उद्घाटन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि, ‘नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
Rahul Gandhi समेत कई विपक्ष ने साधा निशाना
सावरकर की जयंती के दिन 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने के फैसले को लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने इसे राष्ट्र निर्माताओं का अपमान करार दिया। कुछ विपक्षी नेताओं ने यह सवाल भी खड़ा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन क्यों करेंगे, जबकि वह विधायिका के नहीं, बल्कि कार्यपालिका के प्रमुख हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे सभी राष्ट्र निर्माताओं का अपमान। गांधी, नेहरू, पटेल, बोस आदि को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। डॉक्टर आंबेडकर का भी तिरस्कार है।” उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय के एक ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए यह आरोप लगाया। रॉय ने ट्वीट में कहा, ‘‘संसदीय लोकतंत्र को भारतीय संविधान भेंट किए जाने को इस साल 26 नवंबर को 74 वर्ष हो जाएंगे। इस दिन संसद भवन का उद्घाटन किया जाना उचित रहता। परंतु 28 मई को सावरकर की जयंती है -यह कितना प्रासंगिक है?” राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा, ‘‘क्या ऐसा नहीं होना चाहिए था कि राष्ट्रपति महोदया संसद के नए भवन का उद्घाटन करतीं… जय हिंद।”
10 दिसंबर 2020 को रखी थी आधारशिला
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी और पीएम नए संसद भवन का काम देखने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संसद के दोनों सदनों में मिलने वाली सुविधाओं को भी देखा। पीएम ने निर्माण के काम में लगे श्रमिकों से भी बातचीत की थी।
नए संसद भवन की खासियत क्या है?
जानकारी के मुताबिक, यह कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 2020 में 861.9 करोड़ रुपये में दिया गया था। जिसकी बाद में लागत करीब 1,200 करोड़ रुपए तक बढ़ा दी गई थी। नए संसद भवन में लोकसभा फ्लोर का प्लान राष्ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर रखा गया है। नया भवन पुराने संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर बड़ा है।
क्यों बनाया जा रहा नया संसद भवन?
दरअसल, देश का मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था और मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है जिसकी उसकी स्थिति भी धीरे धीरे बिगड़ रह रही है। नया संसद भवन का निर्माण इसलिए भी किया गया क्योंकि लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगी, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त सीट नहीं है। जिसके चलते संसद भवन की बिल्डिंग बनाई जा रही है।
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