Kannauj Lok sabha Election: उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट पर आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार सुब्रत पाठक और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यहां सियासी पारा बढ़ा हुआ है। इस बीच सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की विचारधारा को पाकिस्तानी बताया है। साथ ही साथ कन्नौज सीट पर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जैसी स्थिति बताई है और उन्होंने दावा किया है कि इस मुकाबले में भारत ही जीतने वाला है।
पाकिस्तान का मतलब लूटेरा: सुब्रत
सुब्रत नेता ने कहा कि तेज प्रताप सिंह यादव यहां से लड़ते तो मैच नेपाल और भारत जैसा होता। अब अखिलेश यादव आ रहे हैं तो मैच हिंदुस्तान-पाकिस्तान की तरह होगा और जीतना भारत को ही है। अखिलेश की विचारधारा पाकिस्तानी है, पाकिस्तान का मतलब हम किसी देश की बात नहीं करते, पाकिस्तान मतलब आतंकवादी, पाकिस्तान का मतलब भ्रष्टाचार, पाकिस्तान का मतलब हत्यारा, पाकिस्तान का मतलब लूटेरा है।
75 वर्षों में हिंदुओं की आबादी समाप्त: सुब्रत
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पाकिस्तान में 75 वर्षों में हिंदुओं की आबादी समाप्त कर दी गई, 14-15 साल की बच्चियों का निकाह 70 साल के लोगों से कराकर उन पर अत्याचार किया गया, जो कुछ पाकिस्तान में हो रहा है वो हम देखते नहीं हैं क्या? इस प्रकार की इनकी (अखिलेश यादव) प्रवृत्ति है।
आतंकवाद को बढ़ावा देना: सुब्रत
सुब्रत पाठक ने मुख्तार अंसारी का जिक्र करते हुए कहा कि विशेष समुदाय के माफिया के घर पर जाना आतंकवाद को बढ़ावा देना है। अगर अखिलेश की सरकार आ गई तो एक मुख्तार मरा है और ना जाने कितने मुख्तार निकलेंगे। ये उनको पैदा कर देंगे और उनके ऊपर हाथ रख देंगे। यही तो अभी तक किया है। कैसे मुख्तार पैदा हो गया, क्यों अतीक पैदा हो गया, पैदा इन्हीं के कारण से हुआ है। इन्हीं के संरक्षण में हुआ है।
जनता विदाई देने का काम करेगी: सुब्रत
पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का सबसे बड़ा संप्रदायिक चेहरा हैं, जिन्होंने आतंकवादियों को छोड़ने की सिफारिश की थी। इनके समय में किस प्रकार से दंगे होते थे। दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर संरक्षित दिया जाता था। उत्तर प्रदेश की जनता इन्हें विदाई देने का काम करेगी।
सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराया
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। बीजेपी ने सपा के गढ़ को ढहा दिया था। इस बार सपा कार्यकर्ता लगातार मांग कर रहे थे कि अखिलेश यादव ही कन्नौज सीट से चुनाव लड़ें, लेकिन पार्टी ने अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव को टिकट दिया। इसके बाद कन्नौज में पार्टी के अंदर निराशा का माहौल था। इसको भांपते हुए अखिलेश यादव ने डैमेज कंट्रोल किया और खुद चुनावी अखाड़े में उतर गए। सपा प्रमुख के चुनाव लड़ने से कन्नौज में सियासी लड़ाई दिलचस्प हो गई है।
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