Lok Sabha Elections 2024: कछुआ चुनाव आयोग का शुभंकर, जानें कछुओं के प्रति आस्था

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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारिख नजदीक है, ऐसे में चुनाव प्रचार जोरो पर है। राजनीति पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए नए-नए तरिके आजमा रहे हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में एक कछुए को चुनाव आयोग ने शुभंकर बनाया है। जिले में कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें कछुआ मतदान करने का संदेश देता दिख रहा है। आमतौर पर चुनाव आयोग मतदान के लिए गाड़ियों का अधिग्रहण करता है। पहाड़ी या अन्य दुर्गम क्षेत्रों में घोड़े और गधों का भी इस्तेमाल हो चुका है, लेकिन कछुए पहली बार चुनाव में योगदान दे रहे हैं।

एक समय पर इस प्रजाति को बंगाल में भी विलुप्त मान लिया गया था, लेकिन बानेश्वर मंदिर में इन कछुओं को पाया गया। माना जाता है कि ये कछुए भगवान विष्णु के अवतार हैं और इन्हें मोहन नाम से जाना जाता है। कुच बिहार प्रशासन ने इन कछुओं को शुभंकर बनाने के लिए चुनाव आयोग से मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

कछुओं के प्रति आस्था

बता दे कि इन कछुओं के प्रति कूच बिहार में लोगों को गहरी आस्था है। जिसकी वजह से क्षेत्र में पर्यटन भी बढ़ रहा है। कूच बिहार के लोग इन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैंय़ बानेश्वर में कछुओं के तलाब के पास सड़क में वाहन बेहद धीमी गति से चलते हैं। प्रशासन से मिले आदेश के अनुसार, यहां 20 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गाड़ी चलाने की अनुमित नहीं है। कई कछुए सड़क दुर्घटना में मारे जा चुके हैं। इसी वजह से प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

2002 में हुई थी पहचान

यह कछुआ दिखने में एक अन्य कछुए ‘मोर सेल’ की तरह है, जो पश्चिम बंगाल में बहुतायत में पाया जाता है। इसी वजह से आधिकारिक रूप से भी इन कछुओं की पहचान ‘निसोनिया हरम’ के रूप में हुई थी। 2002 में बानेश्वर तलाब की सफाई के दौरान लोगों ने देखा कि यहां मोहन कछुए हैं। इसके बाद से इन्हें बचाने की पहल जारी है।

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