कॉलेज या यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के इच्छुक छात्रों के लिए अच्छी खबर है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि नए नियमों के तहत किसी भी कॉलेज में Assistant Professor बनने के लिए PhD जरूरी नहीं है. Osmania University में एक कार्यक्रम के दौरान UGC Chairman ने यह जानकारी दी है। भारत की यूनिवर्सिटीज में असिस्टेंट प्रोफेसर के हजारों पद खाली हैं और सरकार इन्हें भरने के लिए लाखों युवाओं को राहत देने वाली है।
यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने हाल में ही उस्मानिया यूनिवर्सिटी के यूजीसी एचआरडीसी भवन का उद्घाटन किया था। इस मौके पर यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी है. इससे पहले यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए कैंडिडेट के पास पीएचडी की योग्यता का होना जरूरी था. अब सिर्फ नेट की परीक्षा पास करके भी यूनिवर्सिटी में आप असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर छात्रों को पढ़ा पाएंगे।
जगदीश कुमार ने कहा कि फैसला इसलिए किया गया है ताकि उन लोगों को भी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया जा सके जिनके पास पीएचडी की डिग्री नहीं है. जगदीश कुमार ने कहा कि देश में वन नेशन वन डाटा पोर्टल को डिवेलप किया जा रहा है. इससे कैंडिडेट को यूजीसी की गाइडलाइन और जरूरी जानकारी सीधे मिल सकेगी।
नियमों में संशोधन करते हुए सरकार ने यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर जॉइन करने के लिए पीएचडी की योग्यता अनिवार्य कर दी थी. इस गाइडलाइन को साल 2021 से लागू किया जाना था लेकिन कोरोनावायरस संकट की वजह से इसे साल 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
अब यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने के लिए पीएचडी की न्यूनतम पात्रता को खत्म कर दिया है. यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नेट पास करने वाले युवा ज्वाइन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें : Eric Garcetti होंगे भारत में अमेरिकी राजदूत, सीनेट ने दी मंजूरी, राष्ट्रपति बनने का है सपना
371 total views, 1 views today