UP : योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 यूपी में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का अभियान चला रही है। इसी के तहत मंत्रियों से हर साल अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति का ब्योरा देने के कहा गया है। मंत्रियों के साथ सरकार ने पीसीएस अधिकारियों के लिए भी हर साल अपने बंगला, गाड़ी, ज्वेलरी, बैंक बैलेंस, प्लॉट सहित पूरी सम्पत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है।
इसके लिए एनआईसी के जरिए ‘स्पैरो-यूपी’ पोर्टल तैयार हो गया है। सभी अधिकारियों को लॉग-इन व पासवर्ड भी दे दिया गया है। इन अफसरों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (NCR) भी अब ऑनलाइन दी जाएगी। इससे पहले सरकार ने मंत्रियों और आईएएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश दिए गए थे।
भारत सरकार के अफसरों पर पहले ही लागू यह व्यवस्था –
UP : बता दें कि आईएएस अधिकारियों के लिए अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना पहले से अनिवार्य है। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत यह व्यवस्था पहले से लागू है। अधिकारियों को स्पैरो सॉफ्टवेयर से अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन देना होता है। आईएएस अधिकारियों के लिए लागू व्यवस्था की तर्ज पर ही यूपी सरकार ने पीसीएस अफसरों के लिए भी यह व्यवस्था लागू कर दी है।
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दरअसल, यूपी में हर पीसीएस अधिकारी को हर साल 1 से 21 जनवरी के बीच अपनी संपत्ति का हिसाब देना होगा। ऐसा न करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। हर अधिकारी को हर साल अप्रैल में पिछले वित्त वर्ष के लिए अपना सेल्फ एप्रेजल भी ऑनलाइन देना होगा।
UP : ब्यौरा न देने वाले अफसरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे लोगों की वार्षिक प्रविष्टि रोकी जा सकती है। इससे इंक्रीमेंट और पदोन्नति भी प्रभावित हो सकती है।
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