Uttar Pradesh : 400 किमी लंबे कोटा-चंबल एक्सप्रेसवे को मिली मंजूरी, इसी साल के आखिर में शुरु हो जायेगा निर्माण कार्य

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Uttar Pradesh : इटावा को एक और एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने जा रही है। जिले भर तीन एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी होगी। कोटा चंबल एक्सप्रेस वे को इटावा के नगरिया सरावा के पास बुंदेलखंड खण्ड एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा। सांसद रामशंकर कठेरिया के अनुरोध पर नितिन गडकरी ने विस्तार करने की अनुमति दे दी है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को लेकर सांसद ने अखिलेश यादव को नसीहत दी।

शुक्रवार को सांसद कठेरिया ने हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चंबल एक्सप्रेस वे के विस्तारीकरण को गडकरी ने मंजूरी दे दी है। गांव के विकास के साथ ही नेशनल हाईवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे व बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से आने जाने वाले लोग भी चंबल एक्सप्रेस वे का सुगमता से प्रयोग कर सकेंगे।

 

इसी साल नवंबर माह से चंबल एक्सप्रेसवे का निर्माण हो जायेगा शुरू –

Uttar Pradesh : पत्रकारों को उन्होंने बताया कि लगभग 8800 करोड़ रुपए की लागत से 400 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे कोटा से इटावा को जोड़ेगा। पहले इसे नेशनल हाईवे 2 में बिरारी के पास जोड़ा जाना था लेकिन अब सरावा तक बढ़ा दिया गया है। जहां यह बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के किलोमीटर 284 और 250 के बीच औरैया बॉर्डर पर भी जुड़ जाएगा।

राजस्थान के कोटा से निकल कर यूपी के इटावा तक करीब 400 किलोमीटर दूरी तय करने वाला चंबल एक्सप्रेसवे फोरलेन का निर्मित होगा। इसी साल नवंबर माह से चंबल एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू हो जायेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और इटावा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया ने इस एक्सप्रेसवे को जल्द से जल्द चालू करवाने के लिए मुलाकात भी की है। चंबल एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों में प्रस्तावित छह लेन का एक्सप्रेसवे है। चंबल एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है क्योंकि इसे चंबल नदी के किनारे बनाया जाएगा।

Chambal River in Rajasthan State | TrueRajasthan

Uttar Pradesh : एक्सप्रेसवे राजस्थान में कोटा को उत्तर प्रदेश में श्योपुर और मुरैना जिलों के माध्यम से इटावा से जोड़ेगा। 417 किमी लंबा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के माध्यम से कानपुर से कोटा तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है और फिर दिल्ली-मुंबई कारिडोर में शामिल होता है। राजस्थान  के कोटा से शुरू होकर मध्यप्रदेश होते हुए यूपी के इटावा में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। चंबल एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित परियोजना क्रास-कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

Chambal Expressway connected with Bundlekhand Expressway costing of 8800 crores  in Etawah

प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेसवे मुख्य रूप से चंबल क्षेत्र में आदिवासी समुदायों और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है, क्योंकि यह देश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है। साथ ही, तीनों राज्यों यानी एमपी, राजस्थान और यूपी के किसान सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे क्योंकि वे अपनी उपज को दिल्ली, मुंबई के बाजारों में भेज सकेंगे. यह मध्य प्रदेश के चंबल संभाग के औद्योगीकरण और विकास में भी मदद करेगा।

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