Uttar Pradesh : स्वास्थ्य व्यवस्था पर योगी सरकार दे रही है विशेष ध्यान, प्रदेश में मरीजों के लिए बढ़ रही हैं सुविधाएं

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मरीजों की सुविधा के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने जा रही है। इससे राज्य के मरीजों को कम बिस्तरों की संख्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा। यूपी की योगी सरकार अस्पतालों में 26,346 बेड बढ़ाने जा रही है। इस आशय के आदेश योगी सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दिए।

Yogi Adityanath on Twitter: "Today, Asia's first 'Pathogen Reduction  Machine' has been inaugurated in KGMU, Lucknow. Congratulations to all!  https://t.co/A0ITW8GigL" / Twitter

यूपी के सरकारी अस्पतालों में बढ़ेंगे 26,346 बेड

बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26346 बड़े बढ़ाए जायेंगे। इसकी प्रक्रिया अंतिम दौर में है। कई अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के लिए भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश के 41 जिला अस्पतालों में 1492 बेड बढ़ाए जायेंगे। इससे गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की राह आसान होगी। ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाये गए हैं। अभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड हैं। कई अस्पताल में 50 बेड की मेटरनिटी विंग अलग से बनाई जा रही है। जबकि दूसरे विभागों में भी बेड बढ़ाये जा रहे हैं।

Lucknow Uttar Pradesh Hospitals On Interstate Borders Free Primary  Treatment Of Serious Diseases Road Accident ANN | UP News: यूपी में  अंतरराज्यीय सीमाओं पर बनेंगे 50 से 100 बेड के अस्पताल, मिलेगी

प्रदेश की 586 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 11720 बेड बढ़ाए जाएंगे।  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार बेड का प्रावधान है। इसमें छह बेड और बढ़ाए जाएंगे। कुल 10 बेड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होंगे। 2184 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 13134 बेड बढ़ाए जायेंगे।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि रोगियों को उच्चकोटि का उपचार उपलब्ध कराने में कोई कसर न छोड़ें। रोगियों को निशुल्क दवाएं और जाँच की सुविधा उपलब्ध करायें। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डॉक्टर समय पर अस्पताल पहुँचे। नियमित ओपीडी में बैठें और समय-समय पर राउंड लें। भर्ती रोगियों की सेहत का हाल लें। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में गंभीर रोगियों को भर्ती करने में आनाकानी न करें। मरीज की सेहत का आंकलन कर उन्हें भर्ती करें। इसमें शिथिलता न बरतें।

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