पंजाब के अमृतसर में गुरुवार को ‘वारिस पंजाब डे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी के विरोध में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर तलवार और बंदूक लेकर हमला कर दिया, जिसमें एक डीएसपी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुआ यह बवाल शाम छह बजे तक चला।
अब अमृतसर (Amritsar) में ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह के सामने अब पंजाब पुलिस जहां पूरी तरह से बैकफुट पर है। पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के सहयोगी लवप्रीत तूफान सिंह को आज रिहा करने जा रही है।
वहीं अमृतसर ग्रामीण के SSP सतिंदर सिंह ने कहा कि, “कल हमें जो सबूत दिए गए हैं उसके मुताबिक लवप्रीत मौके पर ही मौजूद नहीं था, इसलिए अब उसे छोड़ा जा रहा है। हम उन सबूतों को न्यायाधीश के समक्ष पेश कर रहे हैं। फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।”
वहीं पुलिस के मुताबिक SIT की रिपोर्ट के बाद दर्ज FIR भी अब रद्द की जाएगी। BJP नेता हरजीत ग्रेवाल ने पूरे मामले को लेकर पंजाब सरकार और अमृतपाल पर जमकर निशाना साधा है। वहीं पुलिस का कहना है कि अमृतपाल के साथी को आज ही रिहा कर दिया जाएगा।
क्या हुआ था कल?
वहीं बीते गुरूवार को अमृतपाल सिंह ने पुलिस स्टेशन से बाहर निकलकर कहा था कि, “हमारे खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और गिरफ्तार हमारे साथी को भी कल पुलिस द्वारा छोड़ा जाएगा। लेकिन हम अभी जायेंगे नही गुरुद्वारे में अमृत संचार करेंगे अपने साथी को लेकर जाएंगे।” थाने से निकले अमृतपाल के समर्थक ढोल नगाड़े बजाते हुए बाहर निकले थे। बता दें कि बीते गुरूवार को अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन परिसर को पुलिस के आश्वासन के बाद ही खाली किया और नजदीक के गुरुद्वारे में चले गए थे।
‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते.अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
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