शनिवार का दिन भारत के लिए बहुत लकी रहा. इस दिन भारत की एक नहीं बल्कि दो बेटियों ने इतिहास रचा है. महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक नहीं बल्कि भारत की दो बेटियों ने सोने का तमगा हासिल किया है. सबसे पहले भारत की बेटी नीतू घंघास ने 48 क्रिग्राम वर्ग में सोने का तमगा हासिल किया तो वहीं 81 किलो भार वर्ग में स्वीटी बूरा (Saweety Boora) ने स्वर्ण पदक हासिल किया।
स्वीटी बूरा (Saweety Boora) ने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप (World Boxing Championships) के 81 किग्रा वर्ग में नई चैम्पियन बनी हैं। उन्होंने मुक्केबाजी के फाइनल में चीन की वांग लीना (China’s Wang Lina) को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्वीटी ने चीन की वांग लीना को 4-3 स्पिलिट डिसिजन से परास्त कर पदक अपने नाम किया। बता दें कि इस साल विश्व चैंपियनशिप में यह भारत का दूसरा गोल्ड मेडल है। इससे पहले नीतू घांघस ने स्वर्ण पदक देश के नाम किया। स्वीटी बूरा ने इससे पहले 2014 में सिल्वर मेडल जीता था।
इससे पहले साल 2014 में देश की बेटी स्वीटी साउथ कोरिया में खेले गए विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी। लेकिन उन्हें फाइनल में चीन की यांग जियोली से मात खाना पड़ा था। हालांकि, 9 साल बाद स्वीटी ने चीन की ही मुक्केबाज को हराकर ही स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
नीतू घंघास 48 किग्रा वेट कैटेगरी में जीता गोल्ड मेडल
इससे पहले आज ही भारत की नीतू घंघास 48 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगोलिया की मुक्केबाज को 5- 0 से हराया। नीतू घंघास ने सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की अलुआ बल्किबेकोवा को 5-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।
WBC खिताब हासिल करने वाली सातवीं भारतीय मुक्केबाज बनी स्वीटी मूरा
इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वीटी विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली सातवीं भारतीय मुक्केबाज बनी। छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022), नीतू घंघास (2023) मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं।
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