Lucknow Desk : सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होने वाला गंभीर प्रकार का कैंसर माना जाता है। सर्विक्स गर्भाशय का सबसे निचला भाग होता है, जो योनि से जुड़ता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यौन रूप से सक्रिय कम से कम आधे लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी एचपीवी संक्रमण हो सकता है हालांकि हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इस संक्रमण को कम कर देती है।
वैक्सीन की कितनी डोज जरूरी
सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन अभी किसी सरकारी अस्पताल में नहीं लगाई जाती है। इसकी कीमत दो हजार से चार रुपये है। नौ से 14 साल की बच्चियों को छह माह के अंतराल में दो डोज, जबकि 15 से 45 साल उम्र की महिलाओं को इस वैक्सीन की तीन डोज लगाई जाती हैं।
इनमें खतरा रहता ज्यादा
– कम उम्र में विवाह वाली महिलाओं में
– 40 से अधिक उम्र वाली महिलाओं में।
– कई बार गर्भधारण करने वाली महिलाएं।
– अधिक लोगों से यौन संबंध वाली महिलाएं।
– मां या बहन को पेडू से जुड़ी समस्या रही हो।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
– संभोग के बाद, मासिक धर्म के दौरान या रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव।
– मासिक धर्म में रक्तस्राव का भारी होना या सामान्य से अधिक समय तक रहना।
– योनि से होने वाले स्राव से दुर्गंध आना।
– संभोग के दौरान पेल्विक हिस्से में दर्द होना।
इस तरह करें बचाव
– 9 से 18 वर्ष तक किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन लगवाएं।
– माहवारी में कोई समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
– पेडू का दर्द बना रहे तो नजरअंदाज न करें।
– 30 वर्ष के बाद साल में एक बार पैप स्मीयर जांच करवाएं
– अगर फैमिली हिस्ट्री है तो और भी सतर्क रहें।
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