International Women’s Day: क्या होता है महिला जननांग विकृति यानी “FGM”?

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International Women’s Day: पूरी दुनिया में 8 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है, इस मौके पर आज हम आपको एक ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे है जिसे सुन कर आपके होश उड़ जायेंगे। जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया में महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है, महिलों के प्रति उनकी जागरूकता के लिए अथक प्रयास किये जाते है। उन्हें सम्मान देने की बात कही जाती है।

वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी हकीकत भी है जो हर साल ना जाने कितनी महिलों की जान लेती है। हम बात कर रहे है female genital mutilation, ये एक तरह से महिलाओं का खतना भी कहा जा सकता है। इस चीज़ को लेकर यूनिसेफ से ऐसे आंकड़े सामने आए हैं,जो बताते है कि आज भी महिलाएं कई पुरानी प्रथा का दर्द झेल रही हैं। दरअसल, यूनिसेफ ने गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में कहा कि दुनिया भर में महिला जननांग विकृति यानी female genital mutilation के सर्वाइवर की संख्या 230 मिलियन से अधिक है, हालांकि कुछ देशों में इस प्रथा के खिलाफ काम किए गए है। जिसके बावजूद 2016 के बाद से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी आंकड़ों में देखी गई हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि “FGM  की संख्या पहले से अधिक बड़ी है।” महिला जननांग विकृति, जिसे FGM यानी female genital mutilation के रूप में जाना जाता है,इस प्रथा में महिलों के गुप्तांग से क्लिटोरिस के साथ-साथ लेबिया मिनोरा को आंशिक या पूरी तरह से हटा दिया जाता है और इसे बंद करने के लिए योनि में टांके लगाए जाते हैं। FGM से बहुत ज्यादा खून बहने का डर रहता हैं,या ये किसी दूसरी बिमारी की बड़ी वजह बन सकता है। इस से महिलाओं को कई और समस्याएं भी हो सकती है। जैसे- बच्चे पैदा करने में समस्या, मृत बच्चे का जन्म। कुछ समाजों में, इस प्रथा को लड़कियों की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी माना जाता है।

वहीं कई ऐसी भी जगह है जहाँ जिन लड़कियों का FGM नहीं हुआ है, उनसे शादी नहीं की जाती। यूनिसेफ जहां एफजीएम पर रोक लगाने वाले कानूनों पर जोर देता है, वहीं लड़कियों की शिक्षा के महत्व पर भी जोर देता है। जहां तक पुरुषों और लड़कों का सवाल है, कुछ देशों में लोग एफजीएम को जारी रखने के पक्ष में हैं, वहीं अन्य देशों में महिलाएं और लड़कियां सदियों पुरानी प्रथा को छोड़ने नहीं चाहती हैं। वहीं 31 देशों के सर्वे के अनुसार, एफजीएम के सर्वाइवरों की संख्या सबसे अधिक अफ्रीका में है, 144 मिलियन से अधिक सर्वाइवर अफ्रीका में रहते है। वहीं ये संख्या एशिया मंस (80 मिलियन)और मध्य पूर्व में (6 मिलियन) से ज्यादा है। हालांकि एफएमजी की संख्या यूनीसेफ के लगातार प्रयास से कम हुई है। एफजीएम के हैरान कर देने वाले आंकड़े सोमालिया से सामने आए है, जहां 15 से 49 वर्ष के बीच की 99 प्रतिशत महिलाओं को जननांग विकृति का सामना करना पड़ा है, साथ ही गिनी में 95 प्रतिशत महिलाओं को इस प्रथा से जूझना पड़ता है। वहीं कुछ संस्थाओं और देश के लोगों द्वारा इस प्रथा को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें:- International Women’s Day 2024: आज है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, जानें 8 मार्च को ही क्यों मनाते हैं?

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