हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबितू गांव में इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था लेकिन ये वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम क्या है और इसके जरिए भारत सरकार का मकसद क्या है चलिए आपको बताते हैं।
क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
केंद्र की मोदी सरकार ने चीन सीमा यानी LAC से लगे गांवों को डेवलप करने के लिए वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2,967 गांवों को चुना गया है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य न केवल आजीविका या जॉब की तलाश में इन गांवों से शहर में जाने वाले ग्रामीणों को रोकना है, बल्कि जो शहर चले गए हैं उन्हें भी वापस लाना है।
यह प्रोग्राम काफी मामूली लग सकता है, लेकिन यह पूर्वोत्तर में चीन की विस्तारवादी नीति का मुकाबला करने की सबसे अच्छी रणनीति में से एक है। केंद्र सरकार ने इस प्रोग्राम के लिए 4,800 करोड़ रुपए का फंड रखा है। इसमें से 2,500 करोड़ रुपए सिर्फ रोड कनेक्टिविटी के लिए हैं।
सबसे पहले इस प्रोग्राम के तहत 662 गांवों को डेवलप किया जाएगा। इनमें से अकेले 455 अरुणाचल में हैं। इन गांवों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।PM नरेंद्र मोदी ने भी इस योजना के महत्व के बारे में कहा था कि सीमा से सटे गांवों से पलायन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बुरा है और बजट में सीमावर्ती गांवों में सुविधाओं को बढ़ावा देने वाले प्रोविजंस शामिल किए जाएंगे।
बता दें कि इनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गांव, हिमाचल प्रदेश के 75, लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के 35, सिक्किम के 46 और उत्तराखण्ड के 51 सीमावर्ती गांव शामिल हैं, इन सभी की सीमा चीन से लगती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार बॉर्डर वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के पहले फेज में डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार के मंत्री और IAS अधिकारी वाइब्रेंट विलेज के 662 गांव में जाकर गांव वालों के साथ रात बिताएंगे और इस प्रोजेक्ट के विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे. इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत सरकार पर्यटन को विस्तार देने के साथ ही चीन की चुनौतियों से भी निपटने में भारत को मजबूत करना चाहती है।
चीन का सामना करने का प्लान?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने कई भाषणों में कहा है कि, “सीमा पर बसे हुए लोग और गांव देश के लिए स्ट्रैटिजिक एसेट्स हैं.” भारत सरकार का मकसद है कि इन गावों के विकास के जरिए यहां पर्यटन को विस्तार दिया जा सकता है, साथ ही चीन के नापाक मंसूबों को तुरंत बर्बाद करने में भी आसानी होगी।
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