Dhananjay Singh: क्या वजह थी जो धनंजय सिंह को हुई 7 साल की सजा, जानें राजनीति जीवन

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Dhananjay Singh: एक ऐसा शख्स जिसके मारे जाने की खबर पर पुलिस ने खूब वाहवाही लूटी थी, लेकिन 3 महीने बाद जब उस शख्स ने कोर्ट में सरेंडर किया, तो वाह वाही लूटने वाली पुलिस टीम को जेल जाने की नौबत आ गई। एनकाउंटर में कथित तौर पर मारा गया वह शख्स उत्तर प्रदेश की सियासत का माननीय बन गया। यह सब कुछ सिर्फ एक ही किरदार में फिट होता है और वह किरदार जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का है। यह बात 17 अक्टूबर 1998 की है। जब भदोही जिले की पुलिस ने भदोही-मिर्जापुर बॉर्डर पर चार बदमाशों का एनकाउंटर किया।

पुलिस टीम ने दावा किया कि पेट्रोल पंप को लूटने जा रहे बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जिसमें 50,000 का इनामी धनंजय सिंह भी शामिल था। पुलिस की खूब वाह वाही हुई। मगर फिर पुलिस की किरकिरी भी शुरू हो गई। बता दे मारे गए जिस शख्स को पुलिस ने धनंजय सिंह बताया था, उसके दावेदार ने कहा यह वह धनंजय सिंह नहीं जिस पर 50,000 का इनाम था, यह उसका भतीजा धनंजय सिंह है। इसके बाद पुलिस के खिलाफ नारेबाजी हुई, धरना प्रदर्शन हुआ कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को मार गिराया।

मानवाधिकार आयोग की सिफारिश पर केस दर्ज

बता दें कि एनकाउंटर के करीब तीन महीने बाद 11 जनवरी 1999 को धनंजय सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। धनंजय सिंह ने कोर्ट में सरेंडर किया तो खलबली मच गई। एनकाउंटर करने वाली टीम पर जांच हुई। मानवाधिकार आयोग की सिफारिश पर केस दर्ज हुआ। 34 पुलिस वालों पर केस भी चला, लेकिन बाद में अदालती सुनवाई के बाद कुछ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई और जो जिंदा बचे वह बरी कर दिए गए और यहीं से धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई और वह पहली बार निर्दलीय विधायक बने। मगर एक बार फिर धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर पर विराम लग गया है। बता दे नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और बंधक बनाने के मामले में धनंजय सिंह को दोषी करार दिया गया है। जौनपुर की MPMLA कोर्ट ने नमामि गंगे परियोजना प्रबंधक अभिनव सिंघल से जुड़े चार साल पुराने अपहरण केस में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने उस पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जब पुलिस कोर्ट लेकर पहुंची तब कोर्ट के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की।

कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इस मामले में 5 मार्च को दोषी करार दे दिया था। पूर्व सांसद धनंजय सिंह को MPMLA कोर्ट ने 10 मई 2020 में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के मैनेजर अभिनव सिंघल को धमकी और अपहरण के मामले में दोषी पाया था। कोर्ट द्वारा दोषी करार देने के बाद पूर्व सांसद को पुलिस हिरासत में जेल भेज गया था।

अपहरण, रंगदारी मांगने पर 7 साल की सजा

बता दें कि मुजफ्फरनगर निवासी जौनपुर के नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी मांगने व अन्य धाराओं में धनंजय सिंह व उनके साथी संतोष विक्रम पर FIR दर्ज कराइ थी। उन्होंने कहा था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया। वहां धनंजय सिंह ने वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी। इसी मामले पर आज धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई गई है।

यह भी पढ़ें:- Dhananjay Singh: अपहरण मामले में धनंजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव

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