कई विधायकों को लेकर सूरत पहुंचे एकनाथ शिंदे के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने कड़ा ऐक्शन लिया है। उन्हें शिवसेना के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है। इस ऐक्शन के तुरंत बाद एकनाथ शिंदे ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है और उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लिए हिंदुत्व से धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, ‘हम बालासाहेब ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भयंकर भूचाल मचा हुआ है। यह तब हुआ जब सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के 14 और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं। इनमें महाराष्ट्र सरकार के 3 मंत्री भी शामिल हैं। बताया जा रहा ही कि इन सभी का फोन स्विच ऑफ है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
विधान परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पांच सीटों पर शानदार जीत के साथ ही सियासी भूचाल आ गया है। राज्य के उद्धव ठाकरे की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सूत्रों ने कहा है कि भाजपा ने एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि शिंदे करीब दो दर्जन विधायकों को लेकर गुजरात में डेरा जमाए हुए हैं। उन्हें करीब 25 एमएलए का समर्थन प्राप्त है।
कौन हैं एकनाथ शिंदे?
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार के नगरविकास मंत्री हैं। एकनाथ शिंदे शुरू से ही शिवसेना से जुड़े रहे। पिछली बार हुए चुनाव में उन्होंने ठाणे की पछपाखडी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। वह लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं। सबसे पहले 2004, फिर 2009, 2014 और 2019 में विधायक चुने गए। एकनाथ शिंदे को सीएम उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता था। 2019 में शिवसेना की तरफ से शिंदे मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे थे। हालांकि, उद्धव ठाकरे का नाम सामने आने के बाद वह बैकफुट पर आ गए थे।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि कुछ न कुछ रास्ता निकलेगा। हम तीनों ही दलों में अच्छी अंडरस्टैंडिंग है। एकनाथ शिंदे की ओर से सीएम बनाए जाने की मांग को लेकर शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने अच्छे से सरकार चलाई है।
भाजपा को एमएलसी चुनाव में 134 वोट मिलने पर शरद पवार ने कहा कि क्रॉस वोटिंग ऐसे चुनाव में होती रहती है। ऐसे मैंने बीते 50 सालों में कई बार देखा है।
महाराष्ट्र सरकार में जो हो रहा है, वह बीते ढाई साल में तीसरी घटना है। उद्धव ठाकरे सरकार के बनने से पहले भी हमारे कुछ विधायकों को हरियाणा में रखा गया था। लेकिन उन्होंने निकलकर हमारी सरकार को बनवाया और ढाई साल से यह अच्छे से चल रही है। एनसीपी के दोनों उम्मीदवारों ने एमएलसी चुनाव में जीत गए हैं। हमारा एक भी वोट यहां से वहां नहीं गया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के करीबी एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर अपना लिया है। उन्हें करीब 25 विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है, जिनके साथ वे गुजरात के सूरत में डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए बेताब दिख रहे हैं। इसके लिए वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भाजपा के साथ हाथ मिलाने की अपील भी कर रहे हैं।
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