लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के नतीजों से बीजेपी के विरोधियों को झटका लगा है। हालांकि विपक्ष कर्नाटक में बीजेपी की हार को अपनी सफलता मान रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद बीजेपी के कई विरोधियों के सुर बदले हुए से नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी के विरोधियों के प्रति अब नरम रुख दिखाना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह के लिए यूपीए के तमाम सहयोगियों को निमंत्रण भेजा है। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को निमंत्रण भेजा गया है। हालांकि BSP चीफ मायावती को शपथ ग्रहण के लिए निमंत्रण नहीं भेजा गया है। जिसके बाद सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन पर तमाम तरह की अटकलें लगना शुरू हो गई हैं। हालांकि दूसरी ओर मायावती ने लखनऊ में बैठक कर गठबंधन पर स्थिति फिर से स्पष्ट कर दी है।
BSP गठबंधन पर नेताओं को संदेश
BSP चीफ ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी ने नेताओं और संगठन के लोगों को ये संदेश दिया। इतना ही नहीं मायावती ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि BSP के पास अपना कोर वोट है और उसी को मजबूत करें।
बैठक में उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर ‘वोट हमारा राज तुम्हारा’ के प्रचलित हालात को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बदलने के प्रयास को गांव-गांव तक और तेज करने की जरूरत है।” उन्होंने पार्टी की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान देने की बैठक में अपील की। इस दौरान BSP सुप्रीमो ने बैठक में फीडबैक लेने के बाद जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
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