International Women’s Day 2024: महिलाओं के हक के लिए महिला दिवस, जानें इसके पीछे की वजह

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International Women’s Day 2024: जब है नारी में शक्ति सारी, तो फिर नारी को क्यों कहे बेचारी। अपनी इस बेचारीपन को दूर करने के लिए साल 1908 में अमेरिका में महिलाओं ने अपने अधिकार हक के लिए जो आवाज उठाई और उस आंदोल की गूंज ना सिर्फ अमेरिका में गूंजी बल्कि पूरे विश्व में उस आंदोलन की गूंज गूंजी।

दरअसल, महिलाएं राष्ट्र और समाज में पुरुषों जितनी ही सक्षम हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं और समाज के विकास में योगदान दे रही हैं। हालांकि आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान सम्मान और अवसर नहीं मिलते। इसकी एक वजह महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में पता न होना है। एक ही क्षेत्र में एक समान काम करने वाले पुरुष की आय महिला से अधिक होती है। बता दे महिलाएं राष्ट्र और समाज में पुरुषों जितनी ही सक्षम हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं और समाज के विकास में योगदान दे रही हैं। हालांकि आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान सम्मान और अवसर नहीं मिलते। इसकी एक वजह महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में पता न होना है। एक ही क्षेत्र में एक समान काम करने वाले पुरुष की आय महिला से अधिक होती है।

8 मार्च को क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। हर साल 8 मार्च को महिलाओं को सशक्त बनाने वाले इस दिन को विश्व स्तर पर मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1909 में हुई थी। दरअसल, 1908 में अमेरिका में मजदूर आंदोलन हुआ था। इस मजदूर आंदोलन में करीब 15 हजार महिलाएं शामिल हुई, जो न्यूयॉर्क की सड़कों पर अपने अधिकारों की मांग करते हुए उतरी। कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाएं और वेतनमान बढ़ाया जाए। इसके अलावा इस आंदोलन में महिलाओं को मतदान का अधिकार देने की भी मांग की गई। जब सरकार के कानों में कामकाजी महिलाओं की आंदोलन की आवाज पहुंची, तो एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने का एलान किया महिला दिवस 8 मार्च को मनाने की एक खास वजह है।

महिलाओं को मतदान का अधिकार

अमेरिका में कामकाजी महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करते हुए मार्च निकाला था। जिसके बाद सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन महिला दिवस मनाने का एलान किया। बाद में 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल किया। बाद में सम्राट निकोलस ने अपना पद त्याग दिया और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। ये देख यूरोप की महिलाओं ने भी कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इस कारण 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।

साल 2023 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम

साल 2023 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एम्ब्रेस इक्विटी’ रखी गई थी। इसका अर्थ है लैंगिक समानता पर ध्यान देना। वहीं महिला दिवस 2022 की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ था। इस थीम से आशय एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता से है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हर साल एक थीम रखी जाती है इस साल के अभियान की थीम ‘इंस्पायर इंक्लूजन’ है। इसमें समाज के सभी पहलुओं में विविधता और सशक्तिकरण के महत्व पर ज़ोर दिया गया है।

यह भी पढ़ें:- International Women’s Day: क्या होता है महिला जननांग विकृति यानी “FGM”?

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