UP Nikay Chunav में OBC आरक्षण देने के लिए योगी सरकार ने गठित की 5 सदस्यीय कमेटी

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यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी की योगी सरकार 24 घंटे के भीतर 5 सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया। यह आयोग ट्रिपल टी फार्मूले के आधार पर पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण को लागू कर ही निकाय चुनाव करवाया जाएगा।

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है। पांच सदस्यीय आयोग का कार्यकाल छह माह होगा। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह को आयोग का अध्यक्ष नामित किया गया है। भाजपा सरकार इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। ऐसे में अब व‍िपक्ष को अपनी रणनीत‍ि में बदलाव करना होगा।

Retired Judge राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक यूपी में ओबीसी आयोग में रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस आयोग में भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस महेंद्र कुमार और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को शामिल किया गया है। आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करेगी।

नगर विकास विभाग ने जारी की आयोग के गठन की सूचना

सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा व महेन्द्र कुमार, पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी आयोग के सदस्य बनाये गए हैं। नगर विकास विभाग ने आयोग के गठन की अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी है।

OBC अरक्षण के बाद ही होंगे न‍िकाय चुनाव

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निकाय चुनाव को अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना संपन्न कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राज्य सरकार निकाय चुनाव के लिए आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देगी। इसके बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे। हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मे अपील दाखिल करने का निर्णय भी किया है।

सरकार ने व‍िपक्ष के हाथ से छीन ल‍िया हथियार

हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिस तरह से विपक्ष सरकार पर हमलावर हुआ, सरकार ने आयोग के गठन में तेजी दिखाते हुए विपक्ष के हाथ से हथियार छीनने के साथ पिछड़ा वर्ग को भी बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। यह कदम उठाकर वह सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दे सकेगी कि आयोग का गठन कर वह निकाय चुनाव के संदर्भ में शीर्ष न्यायालय के ट्रिपल टेस्ट के फार्मूले पर खरा उतरना चाहती है।

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