अशोक गहलोत ने माफी दांव चल पा लिया अभयदान! हाईकमान से शक्ति प्रदर्शन करके भी कैसे बचे

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राजस्थान की सियासत में बीते सप्ताह हलचल काफी तेज थी। कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में बताए जा रहे अशोक गहलोत के विधायकों ने बगावती तेवर दिखाते हुए हाईकमान के आदेश से उलट अलग मीटिंग बुला ली थी। माना जा रहा था कि सचिन पायलट को अशोक गहलोत की जगह सीएम न बनाया जाए, इसके लिए यह पूरी कवायद की गई थी। लेकिन पूरे मामला अशोक गहलोत गुट के लिए उलटा पड़ता दिखा, जब सोनिया गांधी ने नाराजगी दिखाई। इसके बाद अशोक गहलोत को उनसे मिलने के लिए भी दो दिन तक टाइम लेने के लिए इंतजार करना पड़ा। अशोक गहलोत की जब सोनिया गांधी से मुलाकात हुई तो वह पूरी तरह सरेंडर नजर आ रहे थे और कहा कि मैंने सोनिया जी से माफी मांग ली है।

अशोक गहलोत ने माफी दांव चल पा लिया अभयदान! हाईकमान से शक्ति प्रदर्शन करके भी कैसे बचे

इसी लाइन में उन्होंने यह भी कहा दिया था कि अब मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा। तब माना जा रहा था कि अशोक गहलोत ने सरेंडर कर दिया है और हाईकमान की ओर से उन पर ऐक्शन भी लिया जा सकता है। यानी सीएम की उनकी कुर्सी भी असुरक्षित नजर आ रही थी। हालांकि अब अशोक गहलोत का सरेंडर मोड ही कामयाब नजर आ रहा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद इस बार वह पूरा टर्म करेंगे। यही नहीं अशोक गहलोत के भी जयपुर पहुंचकर तेवर बदल गए हैं और वह एक बार फिर से सचिन पायलट गुट पर हमला बोलते दिख रहे हैं।

ताकत भी दिखाई और पायलट को आईना भी, क्या रणनीति

अशोक गहलोत ने रविवार को एक तरफ सचिन पायलट पर इशारों में हमला बोला तो वहीं अपनी ताकत भी दिखा दी। गहलोत ने कहा, ‘अध्यक्ष पद के लिए ऐसी परिस्थिति बन गई है। विधायकों ने मेरी बात भी नहीं मानी। ऐसी नौबत क्यों आई। पहली बार माफी मांगी। मोदी सरकार हमेशा कोशिश करेगी कि कैसे सरकार गिरा दें।’ यही नहीं इसी बहाने अशोक गहलोत ने अपने पक्ष में खड़े 102 विधायकों की ताकत का भी जिक्र कर दिया और सचिन पायलट गुट को सरकार गिराने की कोशिश पर आईना दिखाते नजर आए। अशोक गहलोत ने कहा, ‘हमारे विधायकों को अमित शाह ने मिठाई खिलाई थी। 102 लोगों (विधायक जो पायलट की बगावत के समय साथ खड़े थे) को कैसे भूल सकता हूं। 10 करोड़ का रेट था, बाद में 10, 20, 50 करोड़ की बात होने लगी थी।

Gehlot 'magic' doesn't work with Sonia, bows out of contest; Digvijaya in  race, more may join | Deccan Herald

इमोशनल कार्ड खेला, विधायकों से कनेक्ट का भी जिक्र

राजस्थान के सीएम ने इसके आगे इमोशनल कार्ड खेलते हुए विधायकों से अपने कनेक्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मैं कहीं रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है। मैं विधायकों का अभिभावक हूं। आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ कमेंट भी कर देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं।’ यही नहीं अशोक गहलोत ने इस मौके पर अध्यक्षी के चुनाव में उतरे मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ भी की। अशोक गहलोत ने कहा कि खड़गे अनुभवी नेता हैं। शशि थरूर भी अच्छे हैं लेकिन एलिट क्लास के हैं।

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