मध्य प्रदेश के उज्जैन के विश्व के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग माकालेश्वर मंदिर के नए कॅारिडोर का पहला चरण बनकर तैयार हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कॅारिडोर का दौरा किया । नए कॅारिडोर का उद्घाटन 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। महाकाल कॅारिडोर का काम दो चरणो में हो रहा है। जिसके लिए कुल 750 करोड़ रुपय खर्च किए गए है। पहले चरण के लिय करीब 350 करोड़ रुपय खर्च किए गए है। महाकाल मंदिर कॅारिडोर करीब 900 मीटर एरिया मे बना है। उज्जैन कॅारिडोर का आकार काशी विश्वनाथ मंदिर से करीब 4 गुना बड़ा है।
कॅारिडोर में शिव तांडव स्त्रोत, शिब विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॅाल , नूतन स्कूल परिसर, गणेश विधालय परिसर, रुद्रसागर तट वाटिका, अर्थ पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किगं सर्विसेस भी तैयार किया गया है। इससे भक्तों को दर्शन के दौरान खास अनुभव होने वाला है। खास बात यह है कि इस भव्य कॅारिडोर को चलाने के लिए करीब एक हजार लोगों की जरुरत होगी। ऐसे में लोकल लोगों के लिए रोजगार के नए मौके भी बनेंगे।
महाकाल कॅारिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरु हुआ था। पूरा मंदिर परिसर 2 हेक्टेर में है, जिसके लिए करीब 750 करोड़ रुपय खर्च होंगे, निर्माण कार्य में खर्च होने वाले कुल खर्च में से 422 करोड़ रुपय राज्य सरकार देगी, जबकि 21 करोड़ मंदिर परिसर और बाकि अन्य बची हुयी राशी केंद्र सरकार देगी।
11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री महाकाल कॅारिडोर का लोकापर्ण करेंगे।इसे लेकर तैयारी पूरी हो गयी है। महाकाल कॅारिडोर की कई तस्वीरे सामने आ चुकी है। इस कॅारिडोर का नाम श्री महाकाल लोक रखा गया है। महाकाल लोक में राजघाट पर सिंहस्थ थाम पर आधारित डायनेमिक लाइट शो विकसित किया जाएगा। महाकाल कॅारिडेर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस कॅारिडोर के बनने के बाद ये आंकाडा बड़कर 50 से 60 हजार तक पहुंचेगा, जो उज्जैन के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है। अब महाकाल कॅारिडेर बनने के बाद एमपी की इकोनॅामी रेट पर अच्छा असर होगा।
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