Azamgarh Bypolls Election : उत्तर प्रदेश (Uttar Prdaesh) में दो लोगसभा सीटों पर 23 जून को होने जा रहे उप चुनाव (UP Lok Sabha Bypolls) से पहले राजनीति में इनकी चर्चा जोरों से शुरू हो गई है। सीटें भले ही सिर्फ 2 हों लेकिन हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार मैदान में हैं। आजमगढ़ (Azamgarh) से 2019 में अखिलेश यादव ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें जीत मिली थी, लेकिन 2022 का विधानसभा चुनवा लड़ने के लिए उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता से त्यादपत्र दे दिया था, जिसके बाद आजमगढ़ सीट खाली हो गई थी।
आजमगढ़ जिले में नामांकन के साथ ही अब केंद्रीय चुनाव कार्यालय का भाजपा नेता दिनेश लाल यादव निरहुआ ने उद्घाटन कर दिया। नगर के सिधारी स्थित मऊ रोड पर भाजपा का केन्द्रीय चुनाव कार्यालय खुला है। इस दौरान दिनेश लाल यादव ने जातिय कार्ड खेलने के साथ ही समाजवादी पार्टी पर एक बार फिर परिवारवाद का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने बड़ा दावा भी कर दिया। उन्होंने कहा कि चार दिनों अंदर आजमगढ़ जिले के बडे़ यादव लीडर के साथ ही समर्थक भी भाजपा के साथ दिखेगें। निरहुआ के बयान के बाद सियासी तापमान गर्म हो गया है।
Azamgarh Bypolls Election : सिधारी स्थित मऊ रोड पर भारती जनता पार्टी का केन्द्रीय चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हवन पूजन व गाजे-बाज के साथ हुआ। उद्घाटन के अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिह भी शामिल होने वाले थे लेकिन वह नहीं आ सके।
इस दौरान दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा कि वे क्षेत्र में जा रहे हैं और अपार समर्थन मिल रहा है। लोग कह रहे हैं कि हमने अब सबको देख लिया और अब सरकार के साथ जुड़ना चाहते हैं और कमल खिलाना चाहते हैं। दिनेश लाल यादव ने कहा कि वे केवल जीतने नहीं बल्कि आजमगढ़ के विकास का मास्टर प्लान लेकर सीएम से मिल भी चुके हैं। उन्होने कहा कि इस बार का समीकरण वर्ष 2019 से बिल्कुल अलग है। दिनेश लाल यादव ने धर्मेन्द्र यादव को चुनाव लड़ने की बधाई देते हुए कहा कि वे उनके परम मित्र हैं और वह उनको बहुत अच्छे से जानते भी हैं।
पार्टी को यादव परिवार के दलदल में फंसा दिया है –
Azamgarh Bypolls Election : दिनेश लाल यादव ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेन्द्र यादव आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि पूर्वाचल में भी यादव हैं। अगर यादव ही लड़ना था तो पहले दलित को टिकट न देते। दलित को टिकट दिया तो फिर लड़ने देते। पूरा घूमा फिराकर फिर वही परिवार के दलदल में अपनी पार्टी को फंसा दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन ये उनकी राजनीति है वे उसे करें। हमें तो आजमगढ़ में कमल खिलाना है।
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दिनेश लाल यादव ने कहा कि उनकी लड़ाई बसपा से है। बसपा का बेस वोट बैंक दलित है साथ ही शाह आलम का जातिय समीकरण भी उनके पक्ष में है। समाजवादी पार्टी से कोई मुकाबला है ही नहीं। वहीं दिनेश लाल यादव ने चौंकाने वाला बयान दिया कि समाजवादी पार्टी का बेस वोट बैंक यादव उनके साथ जुड़ रहा है। दो से चार दिनों के अंदर आप देखेगें कि आजमगढ़ के बड़े यादव लीडर और समर्थक भाजपा के साथ होगें।
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