कंझावला केस में आरोपियों ने दरिंदगी की हर हद पार कर दी थी। इस मामले में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक गाड़ी में बैठे आरोपियों ने कबूल किया है कि घटना के कुछ देर बाद ही पता चल गया था कि लड़की की बॉडी गाड़ी में फंसी हुई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने इसलिए बॉडी नहीं निकाली क्योंकि उन्हें डर था कि अगर किसी ने उन्हें बॉडी निकालते हुए देख लिया तो वो फंस सकते हैं, इसलिए आरोपियों ने सोचा कि चलती गाड़ी से बॉडी अपने आप निकल जाएगी।
अंजलि केस के आरोपियों का ‘कबूलनामा’
अंजलि केस (Anjali Case) में गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में कबूला कि इसी वजह से एक्सीडेंट होने के बाद आरोपियों ने लड़की को कार के नीचे से निकालने की कोशिश नहीं की. आरोपी बेहद डरे हुए थे और इसलिए वह गाड़ी को बार-बार घुमा रहे थे।
तेज म्यूजिक की कहानी थी झूठी
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां जाएं जब तक कि लड़की उनकी गाड़ी के नीचे से निकल नहीं जाती. उन्होंने पहले पुलिस को तेज म्यूजिक सिस्टम की जो कहानी बताई थी वह झूठी थी।
गाड़ी लेकर क्यों भागे आरोपी?
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि डर की वजह से वो गाड़ी लेकर भाग गए. लेकिन थोड़ी दूर जाकर उनको लगा कि लड़की गाड़ी के नीचे ही फंसी हुई है तो उन्होंने लड़की को गाड़ी से निकालने के लिए 4 बार यू टर्न लिया. बीच-बीच में गाड़ी को काफी तेज भी भगाया।
13 किलोमीटर के दायरे में घुमाते रहे गाड़ी
आरोपी जानते थे कि हरियाणा की तरफ जाने पर हरियाणा पुलिस के बेरिकेड और चेकिंग हो सकती है. इसलिए 13 किलोमीटर के रास्ते मे पुलिस की चेकिंग ना होने की वजह से आरोपी कंझावला रोड पर ही गाड़ी को बार-बार यू टर्न लेकर घुमाते रहे. करीब 2 घंटे तक 40 से 50 किलोमीटर गाड़ी 13 किलोमीटर के दायरे में चलाई. इस दौरान आरोपी आशुतोष से लगातार फोन पर बात कर रहे थे, जिसके घर पर बाद में इन्होंने गाड़ी लगाई थी।
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