भारत और रूस के बीच रक्षा कारोबार पिछले पांच साल में बेहद मजबूत हो गया है. रूस से हथियार खरीदने में भारत नंबर वन बन गया है. बीते पांच साल में भारत ने रूस से 14 से 15 बिलियन डॉलर यानी एक लाख करोड़ रुपए के हथियार खरीदे हैं. इसका खुलासा रूस की न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स के मुताबिक रूस के 20 फीसदी हथियार अकेले भारत खरीदता है. रूस के रक्षा अधिकारियों के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत और रूस रक्षा और तकनीक के मुख्य पार्टनर हैं।
मॉस्को के पास जो हथियारों के ऑर्डर हैं उनमें 20 फीसदी अकेले भारत के ऑर्डर हैं. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर भारत ने स्पष्ट रूप से रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है। रूस और यूक्रेन युद्ध को एक साल होने वाला है और भारतीय प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर इस संघर्ष को सुलझाने के लिए वार्ता और कूटनीति को अपनाने की अपील की है।
दबाव के बावजूद भारत खरीद रहा हथियार
यूक्रेन पर हमले के जवाब में कई पश्चिमी देशों ने हथियारों की बिक्री समेत रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. मॉस्को यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्यवाही को “विशेष सैन्य अभियान” कहता आया है. रूसी समाचार एजेंसियों ने बताया कि सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए रूस की संघीय सेवा के प्रमुख दिमित्री शुगायेव के मुताबिक भारत, चीन और कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने रूसी हथियार खरीदने में अपनी रुचि बनाए रखी है।
शुगायेव ने कहा, “यूक्रेन में रूस के विशेष अभियान के संबंध में अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों से भारत पर अभूतपूर्व दबाव बना हुआ है, इसके बावजूद यह सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में रूस के मुख्य भागीदारों में से एक बना हुआ है।”
इंटरफैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस का सालाना हथियार आयात लगभग 14 से 15 अरब डॉलर का है. वहीं उसके पास 50 अरब डॉलर के हथियार के ऑर्डर हैं।
एस-400 में रूचि
शुगायेव के मुताबिक एशियाई ग्राहक विशेष रूप से रूस की एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली, कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली जैसे कि ओसा, पेचोरा साथ ही एसयू-30 और मिग-29 लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन में रुचि रखते हैं।
एक अन्य रूसी सैन्य अधिकारी के हवाले से इंटरफैक्स से कहा कि मॉस्को मौजूदा वक्त में भारत के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 ट्रायम्फ का उत्पादन कर रहा है और इसकी समय पर डिलीवरी पूरी करने का इरादा रखता है।
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया 2023 में रूस की तरफ से हथियारों और मिलिट्री उपकरणों के 200 सैंपल दिखाए जाएंगे।
भारत अरबों डॉलर के सैन्य विमानों की खरीद के साथ साथ सिविल एयरक्राफ्ट की मांग को पूरा करने के लिए जेटलाइनर सौदों को पूरा कर रहा है और इस सप्ताह के एयरो शो में वैश्विक विमान निर्माताओं को अधिक स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के लिए दबाव डाल रहा है।
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