मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी सेक्टर में भारत लगातार कामयाबी हासिल कर रहा है। अब भारत ने अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर लिया है, जिसका सफल परीक्षण मंगलवार को टेलिकॉम व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव व शिक्षा मंत्री ध्रमेंद्र प्रधान के समक्ष किया गया। स्वदेशी मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम का नाम BharOS रखा गया है। जिसे हाल ही में आईआईटी मद्रास ने पेश किया है। इससे आगे बढ़कर भारत जल्द अपना चिपसेट लॉन्च कर सकता है।
भारत को करना पड़ रहा यूजर्स की सुरक्षा से समझौता
बता दें कि अभी के वक्त में एंड्रॉइड स्मार्टफोन में विदेशों से आने वाले चिपसेट का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए गूगल और ऐपल पर भरोसा करना होता है। दरअसल विदेशी स्मार्टफोन कंपोनेंट और सॉफ्टवरेयर की वजह से भारत को अपनी सुरक्षा से समझौता करना पड़ता है। सरकार ऑनलाइन पेमेंट समेत बाकी ऑनलाइन चीजों को फुल प्रूफ बनाना चाहती है, उसके लिए सरकार देश में सभी पार्ट का निर्माण करने जा रही है। भारत सरकार ने स्मार्टफोन बनाने की दिशा में आत्मनिर्भर पॉलिसी को लागू करने पर विचार किया है।केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि BharOS सिस्टम कापी अच्छे से काम कर रहा है।
गूगल पर लगा जुर्माना
सरकार ने बताया कि उनकी तरफ से स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम और चिपसेट बनाने पर जोर दिया जा रहा है। बता दें कि भारत में गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट का दोषी करार दिया गया है और कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया गया है। इसके बाद गूगल ने कहा कि इस तरफ का फैसला भारत में डिजिटल एडॉप्टशन के लिए खतरनाक हो सकता है। बता दें कि भारत में करीब 97 फीसद एंड्रॉइड स्मार्टफोन हैं, जो गूगल ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं।
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