LTTE चीफ प्रभाकरन अभी जिंदा है? वर्ल्ड तमिल फेडरेशन के अध्यक्ष ने दी चौंकाने वाली जानकारी

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लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) या तमिल टाइगर्स का प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन जिंदा है। इस खबर को सुन के शायद आपको भी सदमा लगा होगा। यह दावा तमिलनाडु कांग्रेस के नेता और वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल के अध्यक्ष पाझा नदुमारन ने किया है। नेदुमारन ने प्रभाकर के जिंदा होने को लेकर कहा कि प्रभारकरन ना सिर्फ जिंदा है बल्कि स्वस्थ भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रभाकरण के बारे में एक सच्ची सूचना देने के लिए मैंने आप सभी को यहां बुलाया है।

अभी भी जिंदा है प्रभाकरण....' लिट्टे प्रमुख को लेकर तमिल नेता ने किए  चौंकाने वाले दावे, कहा- जल्द कर सकते है किसी योजना की घोषणा

गौरतलब है कि प्रभाकरन ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) का गठन किया था और श्रीलंका में एक तमिल राष्‍ट्र के लिए एक गुरिल्ला अभियान की अगुवाई की थी। उसे श्रीलंकाई सेना ने 18 मई, 2009 को मुल्लिवईकल में एक ऑपरेशन के बाद मृत घोषित कर दिया था. उस समय श्रीलंका की सरकार का नेतृत्व राष्ट्रपति के रूप में महिंदा राजपक्षे कर रहे थे।

लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण - जिसको बुलेटप्रूफ जैकेट दिया उसी मौत का सौदा कर  दिया !

वर्ल्‍ड तमिल्‍स कॉन्‍फेडरेशन के प्रमुख नेदुमारन ने तंजावुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन जिंदा हैं और जल्द ही सामने आएगा. हमें दुनिया के सामने यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. तमिल ईलम के लिए वह अपनी योजनाओं की घोषणा करेगा.” घोषणा के समय के बारे में बात करते हुए इस अनुभवी नेता ने कहा, “श्रीलंका में सिंहली विद्रोह के बाद राजपक्षे सरकार के पतन ने अनुकूल स्थिति पैदा की है. यह उसकी (प्रभाकरन की) उपस्थिति का सही समय है.” उन्‍होंने कहा कि श्रीलंका में सिंहली लोगों द्वारा राजपक्षे परिवार का उग्र विरोध और अंतरराष्ट्रीय (राजनीतिक) माहौल ने ईलम तमिलों के नेता प्रभाकरन के सामने आने के लिए उचित माहौल बनाया है।

LTTE चीफ प्रभाकरन जिंदा है? श्रीलंका ने 2009 में मृत घोषित किया था, दावा है  कि LTTE Chief Prabhakaran जल्द सामने आएगा | Is LTTE chief Prabhakaran  alive? Sri Lanka declared dead

गौरतलब है कि श्रीलंका सरकार की ओर से वर्ष 2009 में प्रभाकरन की मृत्यु के ऐलान के बाद एक शव की कई फोटोज और वीडियो शेयर किए गए थे. उस समय कई लोगों ने दावा किया था कि इन फोटोज के साथ ‘छेड़छाड़’ की गई है. अन्य लोगों ने आरोप लगाया था कि लिट्टे नेता जब एक समझौते के तहत आत्मसमर्पण करने के लिए आया था तो अंतरराष्ट्रीय समझौतों के उल्लंघन पर उसे गोली मार दी गई थी। उस वक्त प्रभाकरन की उम्र 54 साल  थी. वैसे, नेदुमारन ने लिट्टे नेता की मौजूदा लोकेशन के बारे में कोई भी विवरण साझा नहीं किया. वर्ष 1991 में श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती बम विस्फोट में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का प्रभाकरन मुख्य आरोपी था. उस पर श्रीलंका में हत्या के कुछ अन्य मामलों में भी आरोप लगाए गए थे और लिट्टे को एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया गया था।

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