मानसून सीजन के शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों से आसमानी बिजली की चपेट में आकर लोगों के मरने की खबरें भी आने लगी हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर भारत में बिजली गिरने से मौतों का आंकड़ा क्या है और यह कितना आम है? इसके अलावा आखिर आसमानी बिजली किसी व्यक्ति की जान कैसे ले लेती है? क्या इससे बचने का कोई तरीका है?
आखिर बिजली गिरती कैसे है? किन चीजों को निशाना बनाती है?
बादलों से गिरने वाली बिजली जबरदस्त तेज होती है, जो कि पूरे वातावरण की ऊर्जा को जमीन की तरफ केंद्रित कर देती है। आसान भाषा में समझें तो बिजली गिरने की प्रक्रिया तब होती है, जब बादल की निचली परत और मध्य परत के बीच विद्युत विभ्यांतर (Potential Difference) ज्यादा हो जाता है। इसी वजह से बादल में तेजी से जबरदस्त करंट बहने लगता है, जो कि गर्मी पैदा करता है। जैसे ही यह गर्मी बढ़ती है बिजली की एक तेज लहर बाहर की तरफ निकलती है। इसका कुछ अंश धरती की तरफ भी बढ़ता है और यही विद्युत जान-माल के नुकसान की वजह बनती है।
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