तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी आए भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हजार के पार पहुंच गई है. तुर्की में 24 हजार 617 और सीरिया में 3575 लोगों की जान गई है. दोनों देशों मेंराहत और बचाव कार्य अब भी जारी है. अपनी जान जोखिम में डालकर मलबे के बीच जिंदगी की तलाश में भारत की रेस्क्यू टीम भी लगी है. 50 से ज्यादा देश तुर्की में रेस्क्यू मिशन को अंजाम दे रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सनलिउर्फा शहर में कहा कि अकेले तुर्की में 80 हजार 104 लोग घायल हुए हैं. भूकंप के 130 से ज्यादा घंटे बाद भी जिंदा बचे कुछ और लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक विनाशकारी भूंकपों के बाद अब तक 28 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। वहीं घायलों की संख्या 1 लाख को पार कर चुकी है। इस बीच यूएन के अधिकारी ने बताया कि जैसे-जैसे मलबा हटेगा, और ज्यादा शव बरामद होने की संभावना है। बचाव अभियान अंतिम चरण में है। वहीं भूकंप प्रभावित सीरिया में मदद नहीं पहुंच पा रही है। इस सबके बीच तुर्किये में भूकंप के मलबे से एक भारतीय का शव बरामद हुआ है। जानकारी के अनुसार मृतक का नाम विजय कुमार है। वह उत्तराखंड का रहने वाला था और 23 जनवरी को तुर्किये गया था।
दुनिया भर से मिल रही मदद
भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत एक और सी-17 विमान को कल रात राहत सामग्री और आपातकालीन उपकरण लेकर सीरिया और तुर्की के लिए रवाना किया है।
भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये में दवाओं के 841 बॉक्स भेजे हैं। इसके साथ ही प्रोटेक्शन सेफ्टी टूल्स भी भेजे हैं।
राहत सामग्री पहुंचाने के लिए करीब 30 साल बाद अरमेनिया-तुर्किये बॉर्डर खोल दिया गया है। ये बॉर्डर 1993 में बंद कर दिया था।
तुर्किये में ही 21,848 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 3,553 लोग मारे गए हैं।
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