Atal Bihari Vajpayee: इस समय देश के कोने- कोने में लोकसभा चुनाव प्रचार जोरो पर है। एक तरफ बीजेपी अपने खेमे को मजबूत करन में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष अपने गठबंधन को मजबूत करने में, इसी बीच राजनीति पार्टियों का एक दूसरों से टक्कराव भी जारी है। तो वहीं अगर बात करें बीजेपी कि तो बीजेपी भले आज देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी हो लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीजेपी के पहले चुनाव में पार्टी का क्या हाल हुआ था ? पार्टी के बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी को भी हार का सामना करना पड़ा था।
6 अप्रैल 1980 में बनी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी 6 अप्रैल 1980 में बनी और साल 1984 में पहली बार लोकसभा चुनावी मैदान में उतरी। उस समय चुनाव में बीजेपी ने कुल 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और जीत सिर्फ दो उम्मीदवारों की मिली थी। बीजेपी के 108 प्रत्याशी तो ऐसे थे जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। कुल मिलाकर बीजेपी ने जब पहली बार लोकसभा चुनाव के रण में ताल ठोकी तो उसके सिर्फ दो सांसद ही लोकसभा में पहुंच पाए, लेकिन उन दोनों में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेता नहीं थे। जो दो सांसद जीते थे उनमें गुजरात की मेहसाणा सीट से ए. के. पटेल और आंध्र प्रदेश की हनमकोंडा सीट से चंदूपाटला जंगा रेड्डी थे। आज ये जीत इसलिये भी बड़ी मानी जा सकती हैं क्योंकि पी. वी. नरसिम्हा राव आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने थे। रेड्डी आंध्र प्रदेश विधानसभा के भी सदस्य रहे। वो जनसंघ से लेकर जनता पार्टी और बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे।
लगातार 5 बार बने सांसद
एके पटेल या अमृतलाल कालिदास पटेल गुजरात में बीजेपी के बड़े नेता माने जाते थे, क्योंकि 1984 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वो लगातार 5 बार सांसद बने थे। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। वहीं बात करें लाल कृष्ण आडवाणी कि तो उस समय लाल कृष्ण आडवाणी लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। उस समय आडवाणी मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद थे। इसके बाद 1986 में लाल कृष्ण आडवाणी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी।
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